कहीं यह भारत के तालिबानीकरण की शुरुआत तो नहीं ?
रविवार को एक शर्मनाक घटना कल दिल्ली के आई.जी.एन.सी.ऐ. में आयोजित ‘जश्न ऐ रेख़ता’ नामक कार्यक्रम में हुई | यह कार्यक्रम उर्दू भाषा की खूबियाँ तथा सूफी इस्लाम की संस्कृति तथा इस्लाम की खूबियों को दुनिया के सामने लाने के विषय में था | यहाँ भारत में आये मेहमान ६७ वर्षीय तारेक फ़तेह जब इस जगह को घुमने तथा पुस्तके आदि देखने आये, उस समय कुछ नौजवानों ने उनके साथ फोटो खिचाना और उनके हस्ताक्षर लेना शुरू किया | तभी कुछ १०० के करीब मुस्लिम कट्टरपंथी लोगो ने आकर पहले नारे लगाने शुरू कर दिए फिर तारेक फतह पर हमला कर दिया | पुलिस के साथ होने के बाद भी कोई लातो से कोई हाथो से हमला करता रहा | इसके बाद भी जब तारेक फतह ने कहा कि सब लोग बुरे नहीं हैं , मुझे यहाँ रुकना है तो ऑर्गनाइजर्स और पुलिस दोनों ने तारेक फतह को ही वहां से चले जाने को कहा एवं उन हिंसात्मक लोगों पर कार्यवाही नहीं की , यह सब तारेक फ़तेह ने बाद में टाइम्स नाउ के इंटरव्यू में बताया तथा दुःख प्रकट किया |[i]
हाल ही में पाकिस्तान में सूफी दरगाह लाल शाहबाज़ कलंदर पर हुए हमले में ७५ से ज्यादा लोगों को जेहादियों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया था जिनमे संगीतकार, औरते, बच्चे तथा बुजुर्ग भी शामिल थे | इनका कसूर सिर्फ इतना था कि यह सब सूफी दरगाह पर जाते थे तथा संगीत से नफरत नहीं करते थे जो सदियों से सिंध की संस्कृति में रहा है |[ii] पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों से अहमदिया, बलूची, सिन्धी, शिया, आदि कई मुसलमानों की हत्या का दौर चला आ रहा है तथा इसके पीछे की जड़ है तालिबानी कट्टर सोच के लोगों का इस्लाम पर बढ़ता प्रभुत्व | खैर यह तो बात हुई पकिस्तान की , कई लोग इससे यह कहकर पल्ला झाड सकते हैं कि पकिस्तान से हमें क्या लेना देना , मगर पकिस्तान जैसा मुल्क जब आपका सबसे निकटतम पडोसी हो तो लेना देना अपने आप हो जाता है | खासकर कि तब जब भारत में दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती हो |
कुछ सालों पहले सलमान रश्दी पर “सटानिक वर्सेस” पुस्तक लिखने के कारण , कट्टरपंथी लोगो ने फतवा जारी किया था |[iii] इसी तरह बंगलादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन पर भी “लज्जा” नामक पुस्तक लिखने के लिए कई फतवे जारी हुए तथा हैदराबाद में उन्हें पीटा भी गया |[iv] ऐसे ही जब एक मुसलमान लड़की ने पर्यावरण और जानवरों के लिए काम करने वाली एक एन.जी.ओ. के साथ पर्यावरण को बचाने के लिए भोपाल में ईद पर बकरा ना काटने की अपील की तो उसे दौड़ा दौड़ा कर मज्जिद के बाहर पीटा गया तथा उसके कपडे फाड़ दिए गए |[v] यही नहीं नरेंद्र मोदी और सानिया मिर्जा जैसे लोगो पर भी कुछ मौलवी फतवे देते नज़र आ जाते हैं |
तारेक फतह के साथ हुई घटना हमारे सिस्टम पर कई तरह के सवाल उठाती है क्या एक लोकतांत्रिक देश की राजधानी में इस तरह के हालात होने चाहिए? क्या हम दुनियाभर में यह सन्देश नहीं भेज रहे कि भारत जैसा मुल्क अपने विदेशी मेहमानों की सुरक्षा भी नहीं कर सकता और भारत के नागरिक विदेशी नागरिको से इस तरह का व्यवहार करते है ? जिस जगह उर्दू का प्रचार करने की बात हो रही थी , वहां एक ६७ वर्षीय निहत्थे बुजुर्ग व्यक्ति पर १०० लोग हमला कर दें , यह कहाँ तक जायज़ है ?
भारत का संविधान सभी को स्वतंत्रता देता है अपनी बात कहने की तथा देश में कहीं भी आने जाने की | इसके बाद भी कुछ लोगो ने भारत के सेक्युलर ढाँचे तो तोड़ने का प्रयास किया है तथा भारत की सदियों पुरानी शास्त्रार्थ या पूर्वपक्ष परंपरा से बहस करने की जगह हिंसा का सहारा लेकर भारत का सर दुनिया के सामने झुकाया है | यदि इन लोगों को तारेक फतह की बातो से दिक्कत थी तो उसे उनके साथ बाते करके भी सुलझाया जा सकता था मगर इसकी जगह सीधे उन पर हमला कर दिया गया | इस प्रकार की असहिष्णुता और कट्टरता आज उर्दू के कार्यक्रम में लोगों ने दिखाई है, यह चिंतनीय विषय है | ऐसे ही तत्वों के कारण अफगानिस्तान, इराक, पाकिस्तान, सीरिया, मिस्त्र आदि आज आतंकवाद की चपेट में आ गए हैं | भारत में भी इस तरह की घटनाएं होना इस ओर इशारा करता है कि यदि जल्द ही कुछ ना किया गया तो भारत भी कट्टरपंथ की चपेट में आ जाएगा |
भारत जहाँ शांतिप्रिय इस्लाम रहा है तथा सूफी संगीत प्रेमी और कला प्रेमी दारा शिकोह जैसे मुसलमान रहे हैं | यहाँ पर भी आज कट्टरपंथियों द्वारा मुसलमानों को भड़काने का कार्य तेजी से शुरू हो गया है | इसी कारण कभी कश्मीर, कभी कैराना , कभी मालदा तो कभी धुलागड़ जैसे हादसे रोज देखने को मिल रहे हैं | यही नहीं दारुल उलूम देवबंद द्वारा फोटो खीचने तक पर फतवा जारी हो चूका है |[vi] गजवा ऐ हिन्द की पुस्तके कई शहरों में बिक रही हैं जिनमे लिखा है सभी हिन्दुओ को धर्म परिवर्तन करना जरुरी है , इसके लिए कभी लव जेहाद तो कभी जबरन धर्म परिवर्तन के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं |[vii] मुस्लिम औरतो को दबाने वाले तीन तलाक , फीमेल म्युटीलेशन एवं हलाला जैसे निर्दयी कानून एवं प्रथाओं की मौलवी टीवी चैनलों पर वकालत कर रहे हैं |[viii] यही नहीं एहमदिया, शिया, यजीदी जैसे मुसलमानों को भी बुरी तरह से परेशान किया जा रहा है | इसी के साथ सूफी और सुन्नी में शांतिप्रिय या मजार और दरगाह पूजने वालो पर भी कई जगह फतवे जारी किये जा रहे हैं तथा इन सबको भी धमकियाँ मिल रही हैं | सलमान खान के गणेश पूजा करने पर फतवे जारी हो जाते हैं तो कई युवाओं को बिना मूछ की दाड़ी और छोटा कुर्ता पयजामा जबरन पहनाया जा रहा है | इन सबमे सबसे अधिक पिस रही हैं मुस्लिम महिलाएं जिन्हें सिर्फ उपभोग की वस्तु मात्र समझ कर उनका शोषण किया जा रहा है | अतः यह स्थिति इसी तरह भयावह होती गयी तो भारत को भी तालिबान बनते देर नहीं लगेगी | अतः हिन्दू , मुसलमान , सिक्ख, इसाई सभी को मिलकर इस कट्टरपंथ को रोकना चाहिए | यदि इस तरह के असहिष्णु तथा कट्टरपंथी तत्वों को भारत में पनपने दिया गया तो यह भारत और दुनिया के लिए खतरनाक साबित होगा | अतः भारत सरकार को भी इस विषय को संज्ञान में लेते हुए ऐसे तत्वों पर देश भर में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए |
Footnotes:
[i] https://twitter.com/TimesNow/status/833513928978202624
[ii] http://www.aljazeera.com/news/2017/02/blast-hits-pakistan-lal-shahbaz-qalandar-sufi-shrine-170216144747128.html
[iii] http://www.vanityfair.com/news/2014/04/salman-rushdie-fatwa-satanic-verses
[iv] http://timesofindia.indiatimes.com/india/Taslima-Nasreen-attacked-in-Hyderabad-during-book-launch/articleshow/2267996.cms
[v] http://www.firstpost.com/india/attack-on-peta-activists-over-vegan-eid-bhopals-muslims-only-shame-themselves-1747319.html
[vi] http://www.firstpost.com/india/leading-islamic-body-darul-uloom-issues-fatwa-against-photography-1101085.html
[vii] http://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/kerala-hc-asks-govt-to-frame-laws-to-stop-love-jihad/articleshow/5320856.cms?intenttarget=no
[viii] http://www.hindustantimes.com/jaipur/jaipur-woman-files-rape-charges-against-husband-friend-after-forced-halala/story-FV72pSsyPnTiPtQY4h1X6O.html